Thursday, December 17, 2015

Naxalism. Policing. Government. Capitalism.

आग तो कब की जल चुकी
शोला भी कोयला बन बिक गया
फिर भी रोज ख़ाक छान कर संभालते हैं वो
अर्थव्यवस्था

आज सहमे बच्चें तो जल्द ही सीखेंगे ये खेल
और फिर खेलेंगे भी
और फिर संभालेंगे भी
अर्थव्यवस्था

कठपुतलियाँ!

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