Monday, March 30, 2015

Ego


बड़े पेड़ की छाया

खुश हो जाओ
धूप नहीं हैं यहाँ

या फिर…

दुखी हो जाओ
धूप नही हैं यहाँ

याद रहे,
तुम खुद भी तो बड़ा पेड़ बन सकते हो!

No comments:

Post a Comment