रास्ते मे मुझे
चिकटपट्टी मिली,
दप्तर मे मेरे
घुसके चली!
स्कूल मे मेरी
पेन्सिल टूटी,
एक थी पहले
दो मे बटी।
दप्तर से चिकटपट्टी
बाहर कूदी,
दो टुकडों से
जा लिपटी।
लिपटके फिर
गोऽऽल घूमी,
घूमके फिर से
चिपक गई!
टुकडे जुडे तो
चौक गई,
अकडू पेन्सिल
अब नरमाई!
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