तेरे जाने की आहट का डर।
तेरे जाने को सह न पाने का डर।
तुझे जाते हुए न देख़ने के निर्णय का डर।
तुझे जाते हुए न देख़ने से होनेवाले सदमे का डर।
आज हिम्मत जुटाकर
तेरा जाना देख़ कर
इतने दिन संभाली हुई तेरी चिता पे घी छिड़क कर
जलादी हमने।
अब सिर्फ़ उस आग का डर।
हमारा घर।
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